Monday, February 21, 2011

behti yaadein ...


बहती  यादो  के  दरिया  को  देख  के  याद  आया,
कारवां  चल  दिया  छोड़  के  मेरा  साया,
चल  दिया  मैं  भी  सागर  की  आस  में  जाने  कहाँ ,
आजतक  पता  न  चला  कहाँ   कहाँ  मैं  घूम  आया  ...

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