Art 2 Eye
Thursday, February 24, 2011
ZIndagi ke 16 panne ...
ज़िन्दगी के उन १६ पन्नो में ज़िन्दगी नज़र आती हैं,
आज भी जो अनदेखे से वो ख्वाब दिखाती है,
मुफलिसी के उन लम्हों में भी जाने कितनी ही आशाएं थी,
आज फिर वही अनकही कहानी याद आती है ...
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