Wednesday, March 2, 2011

4 din ki zindagi ...


कभी लहराती है, कभी डराती है,
कभी ऐसे ही किसी से भी भीड़ जाती है,
मानो तो वो बड़े काम कर जाती है,
२ पहियों की गाडी वो ऐसे ही चलाती है ...

कभी ख्वाब दिखाती है, कभी ज़मीन पे लाती है,
कभी ऐसे ही किसी की ज़िन्दगी से खेल जाती है,
मानो तो वो जीना सिखाती है,
४ दिन की ज़िन्दगी यु ही गुजर जाती है ...