Thursday, February 24, 2011

ZIndagi ke 16 panne ...


ज़िन्दगी के उन १६ पन्नो में ज़िन्दगी नज़र आती हैं,
आज भी जो अनदेखे से वो ख्वाब दिखाती है,
मुफलिसी के उन लम्हों में भी जाने कितनी ही आशाएं थी, 
आज फिर वही अनकही कहानी याद आती है ...

Wednesday, February 23, 2011

jaa rahe hai ...


न जाने क्यों कोस रहा हूँ मैं भी रहबरों को,
जब रास्ते ही बदलते जा रहे है,
न जाने क्यों सोच रहा हूँ मैं भी उन लम्हों को,
जब वो ख्वाब ही धुंधलाते जा रहे है ...

Tuesday, February 22, 2011

jaane kaha main kho gaya ...


क्या हुआ, क्यों हुआ, जाने कहाँ मैं खो गया,
मंजिले धुंध-२ के थक गया, जाने कहाँ मैं खो गया,
हकीकत से बेपरवा रहा, नादानी से चलता रहा,
चकनाचूर होते सपनो में, जाने कहाँ मैं खो गया ...

Monday, February 21, 2011

behti yaadein ...


बहती  यादो  के  दरिया  को  देख  के  याद  आया,
कारवां  चल  दिया  छोड़  के  मेरा  साया,
चल  दिया  मैं  भी  सागर  की  आस  में  जाने  कहाँ ,
आजतक  पता  न  चला  कहाँ   कहाँ  मैं  घूम  आया  ...