Friday, April 5, 2013

kya tha ki ab kya ho gaya...

क्या था की अब क्या हो गया,
मुश्किलों का मसीहा हो गया,
बड़ी शिद्दत से  बनाया मेरा नसीब तूने,
क्या लिखा की अब मिटाया हो गया।

waha jarurat nahi

ले जाओ की अब दवाओ की जरुरत नहीं,
ले जाओ की अब दुवाओ की जरुरत नहीं,
यह कफ़न भी क्यों छोड़ के जाते हो मेरे लिए,
ले जाओ की इसकी भी वहाँ जरुरत नहीं।

Tuesday, April 2, 2013

pyaar na dhundh saka ...

कैसा अनजाना था मैं, जो कुछ न समझ सका,
उनकी कही बातो में इकरार न  ढूंढ़ सका,
यादो के भवंर में कुछ ऐसी डुबोई थी अपनी कश्ती, 
कैसा भोला था मैं, जो वो प्यार न ढूंढ़ सका।

padh daale hai khat jitne tamaam the ...

वो भुला बैठे है उनको, जो थे उनके ही काम के,
हमने संभाले रखे है वो किस्से जो आम थे,
यादो का दोंर कुछ इस तरह चला है मन में फिरसे,
खोल के पढ़ डाले है ख़त जितने तमाम थे।

Monday, April 1, 2013

wo thi to uski yaad nahi aati thi...

वो बारिश की बूंदों सी मिलती थी,
वो बागो में कलियों सी खिलती थी,
वो ठंडी हवा सी मेरे तन को छु जाती थी,
वो थी तो उसकी याद नहीं आती थी।

वो जीवन के पन्नो पे खुशिया ले आती थी,
वो बोले तो कानो को इतना भाती थी,
वो मैना सी मीठी मुझको गीत सुनाती थी,
वो थी तो उसकी याद नहीं आती थी।

वो चिड़िया सी चंचल, कितना चेह्काती थी,
वो आँखों के मोती युही नहीं बहाती थी,
वो मिलने को कहती, पर मिल नहीं पाती थी,
वो थी तो उसकी याद नहीं आती थी।

वो होती तो इस दिल में बहार होनी थी,
वो होती तो हर मौसम में बयार होनी थी,
वो होती तो मेरे जीवन का संसार होनी थी,
वो थी तो उसकी याद नहीं आती थी।

वो इस तरह तो मेरे दिल से दूर न होनी थी,
वो कहती इक दफा तो हमसे भी इनकार न होनी थी,
वो करती वफ़ा तो हमसे भी वो खता न होनी थी,
वो थी तो उसकी याद नहीं आती थी।

kisse ka hissa ...

उस छोटीसी झलक से शुरू हुआ उसका किस्सा,
बन बैठा था वो कुछ इस तरह मेरा हिस्सा,
बदल गए चेहरे बदलते मौसमो की तरह,
बदल गए जीवन कहानियो की तरह,
रूठे वो भी कुछ इस तरह हमसे,
तोड़ के ले गए उस किस्से से अपना हिस्सा।

kuch ankahi si yaad hai...

तूने जो कहा आज भी धुंधला सा याद है,
वो अनजाना अनदेखा चेहरा सा याद है,
वक़्त का कसूर कहु या हमारी ही कश्मेकस कहु,
दूर जाने की बातें कुछ अनकही सी याद है।