Tuesday, April 2, 2013

pyaar na dhundh saka ...

कैसा अनजाना था मैं, जो कुछ न समझ सका,
उनकी कही बातो में इकरार न  ढूंढ़ सका,
यादो के भवंर में कुछ ऐसी डुबोई थी अपनी कश्ती, 
कैसा भोला था मैं, जो वो प्यार न ढूंढ़ सका।

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