Monday, April 1, 2013

wo thi to uski yaad nahi aati thi...

वो बारिश की बूंदों सी मिलती थी,
वो बागो में कलियों सी खिलती थी,
वो ठंडी हवा सी मेरे तन को छु जाती थी,
वो थी तो उसकी याद नहीं आती थी।

वो जीवन के पन्नो पे खुशिया ले आती थी,
वो बोले तो कानो को इतना भाती थी,
वो मैना सी मीठी मुझको गीत सुनाती थी,
वो थी तो उसकी याद नहीं आती थी।

वो चिड़िया सी चंचल, कितना चेह्काती थी,
वो आँखों के मोती युही नहीं बहाती थी,
वो मिलने को कहती, पर मिल नहीं पाती थी,
वो थी तो उसकी याद नहीं आती थी।

वो होती तो इस दिल में बहार होनी थी,
वो होती तो हर मौसम में बयार होनी थी,
वो होती तो मेरे जीवन का संसार होनी थी,
वो थी तो उसकी याद नहीं आती थी।

वो इस तरह तो मेरे दिल से दूर न होनी थी,
वो कहती इक दफा तो हमसे भी इनकार न होनी थी,
वो करती वफ़ा तो हमसे भी वो खता न होनी थी,
वो थी तो उसकी याद नहीं आती थी।

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