Monday, April 1, 2013

kuch ankahi si yaad hai...

तूने जो कहा आज भी धुंधला सा याद है,
वो अनजाना अनदेखा चेहरा सा याद है,
वक़्त का कसूर कहु या हमारी ही कश्मेकस कहु,
दूर जाने की बातें कुछ अनकही सी याद है।


No comments:

Post a Comment