Sunday, May 20, 2012

doobte aansu

समंदर सा माँगा था एक एहसास ज़िन्दगी में,
उस छोर की तान्हायिया भूल गया,
भूल गया की समंदर में ही डूबती है खुशियों की नौका,
किनारे पे मिलने की आस ही झूटी थी, 
आज आके वो आस भी टूटी थी,
संभाला तो बहोत था मंजिल पे पहुचने से पहले,
डूबी किस्मत में लिखी लकीरों के जैसे,
समंदर भी इतना निर्दयी निकला,
आंसू भी न दिखे डूबने से पहले...

Tuesday, April 17, 2012

Sadiyo se


मुद्दतो  से इंतज़ार  का  ज़हर  पी  रहे  है ,
पलकों  में  आंसू लिए  फिर  रहे  है ...
जानते  है  तेरे  लिए  हम  कुछ  नहीं , फिर  भी ,
सदियों  से  एक मुलाकात  के  लिए  जी  रहे  है  ...