Saturday, June 4, 2011

न कर सका ...

शायद कुछ अलग थी वो बातें जिनको मैं समझ न सका,
शायद दिल में मेरे भी था वो एहसास जिसका मैं इकरार न कर सका,
कट गयी उम्र समझने में इन्ही जज्बातों को, शायद इसीलिए मैं प्यार न कर सका,
हार के उसने भी मांग ली जुदाई, मैं अनजान, इनकार न कर सका ...

3 comments:

  1. dost ... very true indeed .. although i don't dare to confess these things publically but its true with me too

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  2. @tushar .... no idea dost ... pata nahi aisa hua bhi ya nahi ... but it's just a thought ...

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  3. अधिकांश लोग समाज के बारे में महसूस कर रहे हैं. इसलिए वे आगे नहीं आने के लिए अपने प्यार का इजहार कर रहे हैं. अब इन दुनिया में हो रही हैं. मैं महसूस करता हूँ, यह सच है.
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